आरक्षण मुक्त भारत महासंघ |
आरक्षण जैसी कुव्यवस्था के खिलाफ वर्षो से संघर्ष कर रहे है हम सभी राजनैतिक दल,
सामाजिक संगठन, जातिगत सभाओं और एकल आरक्षण विरोधी कार्यकर्ता। परन्तु इस पर शासन
प्रशासन कोई संज्ञान लेने के बजाये दिन प्रतिदिन इस आरक्षण को बढावा ही देेते आ रहे
है नतीजन इसके दुष्प्रभाव में हमारे देश की युवा प्रतिभायें विदेश पलायन को मजबूर
हो रही हैं | इस आन्दोलन का जितना प्रभाव पड़ना चाहिए आम जन मानस में उतना प्रभाव पड
नहीं पा रहा कारण इस आन्दोलन में तमाम राजनैतिक दल, सामाजिक संगठनों की भरमार होना
जनजागृति हेतु यह तो काफी लाभदायक है परन्तु हर संगठनों से जुड़े लोगों का आपस में
बंटे रहना नुकसान दायक है। साथ ही छोटे छोटे आन्दोलन से यह समस्या सुलझने वाली नही
है। क्योंकि यह देश इस समस्या पर एक बडे आन्दोलन की आश लगाये बैठा है जो बिना जनबल
और धनबल के सम्भव नही है इसी के मददेनजर ��आरक्षण मुक्त भारत महासंघ�� की परिकल्पना
की गयी है जिसके माध्यम से सभी संगठनों को एक जुट कर बंटे हुए जनबल को एकत्र करें
सामूहिक योजना बनाकर इस आन्दोलन को कैसे संचालित किया जाए इसकी रूप रेखा तैयार करें।
और इस महासंघ में शामिल सभी सदस्यों से आर्थिक सहयोग लेकर शुरूवाती कोष की स्थापना
की जाय। ताकि प्रारम्भिक शुरूवात इस आन्दोलन की सामूहिक प्रयास के द्वारा किया जाए
जब शुरूआत होगी तभी लोगों में इस समस्या को लेकर जागृति आयेगी एवं लोग हमें और हमारे
आन्दोलन को आर्थिक मदद देने हेतु आगे आयेगें। ��आरक्षण मुक्त भारत महासंघ�� के माध्यम से हमें आरक्षण की दूषित व्यवस्था के बारे में लोगों को जागृत करना है एवं संरक्षण की व्यवस्था हेतु लोगों के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाने हेतु एक बडे आन्दोलन की शुरूवाती तैयारी करनी है इसी के साथ हमें दूषित कानून व्यवस्था, विलम्बित न्यायिक प्रक्रिया, समान शिक्षा व्यवस्था की मांग हेतु हमें एक साथ आन्दोलित होना होगा और लोगों को इस आन्दोलन हेतु महासंघ में शामिल सभी राजनैतिक, सामाजिक, जातिगत संगठनों के प्रति एकजुट करना है। लोगों को इस आन्दोलन से जोडने हेतु हमें सर्वप्रथम अपने मुहल्ले शहर या क्षेत्रों में 25-50 या 100 लोगों का जितना सम्भव हो एक ग्रुप बनाये और आपस में 100-50 रूपये माहवार इकट्ठा कर उसे एकल कर उसी क्षेत्र के एक गरीब परिवार को चिन्हित कर उसे आवश्यकता अनुसार इलाज, शिक्षा, राशन, रोजगार, शादी आदि हेतु सहयोग करें इससे उस क्षेत्र में हमारे सदस्यों का मानसम्मान सर्व स्वीकार्यता, और विश्वसनियता बढ़ेगी और हमारे आरक्षण मुक्त भारत हेतु इस आन्दोलन से लोग जुड़ेगें यही जन जागृति का कारवाॅ इस आन्दोलन से जुड़ता चला जायेगा। साथ ही इस समस्या के प्रति सभी समाज और वर्गो को जोड़ना अत्यावश्यक है। क्योंकि इतने वर्षो में आरक्षित वर्ग को कोई भी फायदा मिला नहीं उल्टा अनारक्षित वर्ग भी विकास की मुख्य धारा से पिछड़ता चला जा रहा है। आखिर इसका प्रमुख कारण क्या है इसी बात को लोगों को समझाना होगा ताकि जो आरक्षित वर्ग है उसे भी इस आन्दोलन से जोड़ा जा सके कार्य कठिन है पर असम्भव नही है केवल एकजुट होकर ही कार्य सम्पन्न किया जा सकता है इस महासंघ में शामिल सभी संगठन अपने अस्तित्व को बरकरार रखते हुए इस महासंघ के माध्यम से इस समस्या पर जनजागृति हेतु सहयोग कर सकते है क्योंकि बिना जागृति धरातल पर कार्य करना असम्भव है जातिवादी व्यवस्था में परिवर्तन लाकर इसे आज के दौर में समाप्त करना नितांत आवश्यक है। कार्यकारिणी प्रारूपः- ��आरक्षण मुक्त भारत महासंघ�� के कार्यकारिणी में इस महासंघ में शामिल सभी राजनैतिक दल, सामाजिक संगठनों, से 5 से 11 सदस्य शामिल होगें सहयोग राशि के साथ उनकी विधिवत सदस्यता के साथ यही सदस्य महासंघ में संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ अपने पार्टी और संगठन का पक्ष भी मजबूती के साथ के रखेेगें। और एकल आरक्षण विरोध में कार्यरत आन्दोलनकारी भी महासंघ में शुरूवाती सहयोग राशि देकर कार्यकारिणी से जुड़ सकते है जो इस महासंघ की समितियों के माध्यम से इस आन्दोलन को मजबूती प्रदान करें। इस महासंघ में पांच समितियां कार्यरत होगी जो क्रमशः- संरक्षक समितिः- इस समिति में महासंघ से जुड़े राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन के राष्ट्राध्यक्षों, प्रमुखों को शामिल करने के साथ ही रिटायर्ड अधिकारी समाज के बुद्धिजीवी वर्ग से शामिल वरिष्ठ लोगों को स्थान दिया जायेगा। इनके माध्यम से महासंघ को संरक्षण एवं सुरक्षा प्रदान की जायेगी। सलाहकार समितिः- इस समिति में प्रत्येक संगठनों के सदस्यों को समान अनुपात में शामिल किया जायेग यह समिति महासंघ के द्वारा किये जाने वाले प्रत्येक कार्योे की कार्यो की योजना बनायेगी और उसके क्रियान्वयन तक उस पर लगातार नजर रखेगी और समीक्षा करेगी। अनुशासन समितिः- इस समिति में प्रत्येक संगठनों से शामिल सदस्यों में से अनुपात के अनुसार सदस्य शामिल होगे। इस समिति के माध्यम से अंतरिम विवाद को सुलझाने और महासंघ के सभी कार्यकारिणी के सदस्यों को अनुशासित रखने की जिम्मेदारी अनुशासन समिति की होगी। अनुशासन हीनता की दशा में समिति दोषी सदस्य को महासंघ से बाहर करने की अनुशंसा प्रशासनिक कमेटी को भेज सकती है। आर्थिक व्यवस्थापन समितिः- इस समिति में उन सदस्यों को शामिल किया जायेगा जो स्वयं आर्थिक रूप से मजबूत हो या महासंघ के कार्यक्रमों हेतु आर्थिक व्यवस्था करने या करवाने में सक्षम हो। आन्दोलन हेतु आर्थिक व्यवस्था महत्वपूर्ण होती है। इस समिति के माध्यम से सम्पूर्ण व्यवस्था और आय व्यय के लेखा जोखा रखने की जिम्मेदारी होगी। प्रचार प्रसार समितिः-
इस समिति के माध्मय से महासंघ में शामिल संगठनों के प्रचार प्रसार के साथ ही सभी की
नीतियों का लगातार प्रसारण की जिम्मेदारी होगी। आरक्षण जैसी कुव्यवस्था के प्रति को
लोगों सोशल मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिन्ट मीडिया हेण्डबिल, पोस्टर, नुक्कड़
सभायें इत्यादि जो भी प्रचार प्रसार के माध्यम है उनके अनुसार व्यवस्था करने की
जिम्मेदारी होगी।
इस कोर कमेटी में न्यूनतम 05 अधिकतम 11 सदस्य होगें यह सभी समितियों से आयी
अनुशंसाओं पर अन्तिम निर्णय बहुमत के आधार पर लेगी। आर्थिक व्यवस्थापनः-
जब किसी आन्दोलन की शुरूवात होती है तो प्रारम्भिक खर्च इस आन्दोलन की शुरूवात करने
वाले लोगों द्वारा व्यवस्था करनी होती है। हम सभी संगठनों आखिर आपस मे ही सहयोग कर
छोटे छोटे आन्दोलन करते आये है अब अगर हम एकजुट होकर चार चार लोग मिलकर चालीस हो
जाये तो एक बडे़ आन्दोलन की शुरूआत कर सकते है जब बडे़ आन्दोलन की शुरूवात हो जायेगी
तो ही इस समस्या से पीडि़त लोगों द्वारा इस आन्दोलन को आर्थिक सहायता मिलनी शुरू
होगी। सर्वप्रथम हमने प्रारम्भिक कोष की व्यवस्था आपसी सहयोग से कार्यकारिणी सदस्यता
के रूप में न्यूनतम 1100 से अधिकतम स्वैच्छिक सहयोग राशि के माध्यम से तय की है। इसी
तरह जो सामान्य सदस्य बनना चाहते है वह अपने द्वारा कोई भी स्वैच्छिक राशि जमा कर
साधारण सदस्य बन सकते है और 50 सामान्य सदस्य अपने माध्यम से जोड़कर वह सक्रिय
कार्यकारिणी सदस्य बन सकते है। इसी प्रकार से अन्य कार्यकारिणी में यही नियम लागू
होगा। |
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